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जुलाई- 2020 -8 जुलाईइतिहास
नामदेव का भक्ति आंदोलन में योगदान
बंगाल के ही समान महाराष्ट्र में भी भक्ति आंदोलन का प्रचार हुआ। यहाँ के मध्ययुगीन सुधारकों में नामदेव का नाम…
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8 जुलाईइतिहास
वेदांत दर्शन किसे कहते हैं
उपनिषद् वैदिक साहित्य का अंतिम भाग है, इसीलिए इसको वेदान्त कहते हैं। कर्मकांड और उपासना का मुख्यत: वर्णन मंत्र और…
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7 जुलाईइतिहास
रामानुज का परिचय
भारतीय दार्शनिकों में शंकर के बाद रामानुज का नाम अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है, जिन्होंने अपने विचारों के माध्यम से अद्वैतवाद का…
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6 जुलाईइतिहास
अद्वैतवाद का संस्थापक कौन था
शंकराचार्य संस्कृत के प्रकाण्ड पंडित थे।उनका मत अद्वैतवाद के नाम से विख्यात है। यह उपनिषदों के बहुत निकट है।
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4 जुलाईइतिहास
मीमांसा दर्शन के प्रणेता कौन थे
वेद के दो भाग हैं - कर्मकाण्ड तथा ज्ञानकाण्ड। ब्राह्मण ग्रंथों में वैदिक कर्मकाण्डों का विशिष्ट विवरण मिलता है तथा…
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2 जुलाईइतिहास
सांख्य दर्शन क्या था
सांख्य दर्शन का प्रवर्त्तक महर्षि कपिल को माना जाता है। इसका सबसे प्राचीन तथा प्रामाणिक ग्रंथ सांख्यकारिका है, जिसकी रचना…
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2 जुलाईइतिहास
बौद्ध धर्म की देन
बौद्धधर्म ने ही सर्वप्रथम भारतीयों को एक सरल तथा आडंबररिहत धर्म प्रदान किया, जिसका अनुसरण राजा-रंक, हर्ष आदि राजाओं में…
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1 जुलाईइतिहास
बौद्ध धर्म का उत्थान एवं पतन
महात्मा गौतमबुद्ध ने जिस धर्म का प्रवर्तन किया वह उनके जीवन काल में ही उत्तरी भारत का एक लोकप्रिय धर्म…
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जून- 2020 -30 जूनइतिहास
जैन धर्म की देन
जैन धर्म का प्रभाव भारत में उतना व्यापक नहीं हुआ, जितना कि बौद्धधर्म का तथा यह कुछ ही भागों तक…
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28 जूनइतिहास
हिन्दू धर्म में सूर्य पूजा का महत्त्व
हिन्दू देवमंडल में सूर्य का अत्यन्त महत्त्वपूर्ण स्थान था, जिनकी कल्पना जगत के प्रकाश के स्वामी के रूप में की…
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