ह्वेनसांग
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मई- 2020 -29 मईइतिहास
दक्षिण भारत का समाज कैसा था
संगमकालीन समाज के विषय में बात करते हैं, तो हम पाते हैं, कि इस समय तक दक्षिण भारत का आर्यकरण…
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6 मईइतिहास
नरसिंहवर्मन प्रथम का संबंध किस प्राचीन राजवंश से था
महेन्द्रवर्मन के बाद उसका पुत्र नरसिंहवर्मन प्रथम (630-668ई.) में कांची के पल्लव वंश का राजा बना। वह अपने काल का…
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अप्रैल- 2020 -20 अप्रैलइतिहास
चालुक्यों का साहित्य
चालुक्य शासकों के काल में साहित्य, धर्म, कला के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण प्रगति हुई। ह्वेनसांग चालुक्य राज्य के लोगों को…
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20 अप्रैलइतिहास
चालुक्यों का धार्मिक जीवन
चालुक्य ब्राह्मण धर्मानुयायी थे तथा उनके कुल देवता विष्णु थे। इसके अलावा वे लोग शिव की भी पूजा करते थे।…
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मार्च- 2020 -28 मार्चइतिहास
पुलकेशिन द्वितीय एवं पल्लवों के बीच संघर्ष
आंध्र के दक्षिण में पल्लवों का शक्तिशाली राज्य था। पल्लव वंश का शासन इस समय महनेद्रवर्मन प्रथम (600-630 ई.) के…
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18 मार्चइतिहास
बादामी के चालुक्य वंश की उत्पत्ति
चालुक्य वंश की उत्पत्ति के विषय में काफी मतभेद मिलते हैं। विंसेन्ट स्मिथ चालुक्यों की उत्पत्ति मध्य एशिया की चप…
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17 मार्चइतिहास
प्राचीन इतिहास तथा संस्कृति के प्रमुख स्थल भृगुकच्छ
इस स्थान की पहचान आधुनिक गुजरात के भड़ौच से की जाती है। यह पश्चिमी भारत का प्रसिद्ध नगर एवं समुन्द्री…
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3 मार्चइतिहास
बादामी (वातापी) का चालुक्य वंश के इतिहास की जानकारी के साधन
मी (वातापी) के चालुक्य वंश के इतिहास के प्रामाणिक स्रोत अभिलेख हैं। इनमें सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण चालुक्य शासक पुलकेशिन् द्वितीय का…
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जनवरी- 2020 -28 जनवरीइतिहास
प्राचीन इतिहास तथा संस्कृति के प्रमुख स्थल कर्णसुवर्ण
सातवीं शती में बंगाल क्षेत्र का यह एक प्रमुख प्रान्त था जिसमें वर्तमान पश्चिमी बंगाल के बर्दमान, मुर्शिदाबाद एवं वीरभूमि…
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नवम्बर- 2019 -16 नवम्बरइतिहास
राजपूतों के प्रमुख राजवंश – गुर्जर-प्रतिहार वंश के इतिहास के साधन, उत्पत्ति
इस वंश की प्राचीनता 5वी.शता. तक जाती है। पुलकेशिन द्वितीय के ऐहोल लेख में गुर्जर जाति का उल्लेख सर्वप्रथम हुआ…
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