मगध
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फरवरी- 2021 -3 फ़रवरीइतिहास
पुष्यमित्र शुंग की उपलब्धियां की स्लाइड
परवर्ती मौर्यों के निर्बल शासन में मगध का प्रशासन तंत्र शिथिल पङ गया था। ऐसी स्थिति में देश को आंतरिक…
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1 फ़रवरीइतिहास
मौर्योत्तर काल की स्लाइड
मौर्य साम्राज्य की लड़खड़ाती हुई दीवार ई. पू. 187 में ढह गई और मौर्य साम्राज्य के अंत के साथ ही…
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जनवरी- 2021 -23 जनवरीइतिहास
चंद्रगुप्त मौर्य की उपलब्धियाँ एवं साम्राज्य विस्तार
यह चंद्रगुप्त का सौभाग्य था, कि पंजाब तथा सिंध की राजनीतिक परिस्थितियाँ उसके पूर्णतया अनुकूल थी। सिकंदर के प्रस्थान के…
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21 जनवरीइतिहास
मौर्य साम्राज्य का इतिहास
मौर्य राजवंश (322 ईसा पूर्व से 298 ईसा पूर्व तक) प्राचीन भारत का एक शक्तिशाली एवं महान राजवंश क्षत्रिय वंश…
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20 जनवरीइतिहास
मगध महाजनपद का उदय
16 महाजनपदों में मगध सर्वाधिक शक्तिशाली महाजनपद था। मगध का सर्वप्रथम उल्लेख अथर्ववेद में मिलता है। मगध की राजधानी गिरिव्रज/राजगृह…
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12 जनवरीइतिहास
अथर्ववेद के बारे में जानकारी
अथर्ववेद संहिता हिन्दू धर्म के पवित्रतम और सर्वोच्च धर्म ग्रंथ वेदों में से एक है। यह वेद सबसे बाद में…
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अगस्त- 2020 -10 अगस्तइतिहास
पुष्यभूति वंश महत्त्वपूर्ण तथ्य
दिल्ली और पंजाब के भू-भाग पर स्थित श्रीकंठ नामक प्राचीन जनपद का एक भाग थानेश्वर था, जहाँ पुष्यभूति नामक व्यक्ति…
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9 अगस्तइतिहास
मौर्योत्तर काल (184 ई.पू.-319ई.)महत्त्वपूर्ण तथ्य
अंतिम मौर्य सम्राट बृहद्रथ की हत्या करके, उसके सेनापति पुष्यमित्र शुंग ने 184 ई.पू.में शुंग राजवंश की स्थापना की थी।
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8 अगस्तइतिहास
महाजनपद युग महत्त्वपूर्ण तथ्य
छठी शताब्दी ई.पू. में सोलह महाजनपदों के अस्तित्व का उल्लेख बौद्ध ग्रंथ अंगुत्तर निकाय में प्राप्त होता है। इन महाजनपदों…
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5 अगस्तइतिहास
जैन धर्म महत्त्वपूर्ण तथ्य
जैन धर्म के संस्थापक ऋषभदेव थे।ऋषभदेव प्रथम तीर्थंकर भी थे। जैन साधुओं को तीर्थंकर कहा गया है। महावीर स्वामी से…
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