विजयनगर प्रशासन में “कन्दाचार” था
विजयनगर प्रशासन में “कन्दाचार” था?
(A) सेनापत्ति
(B) सैन्य विभाग
(C) पुलिस अधिकारी
(D) बाजीगर
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(B) सैन्य विभाग
होयसालों की तरह विजयनगर के राजाओं का भी सैनिक विभाग संगठित था, जिसका नाम कन्दाचार था। यह दण्डनायक अथवा दन्नायक (प्रधान सेनापति) के नियंत्रण में था, जिसकी सहायता छोटे-छोटे अधिकारियों का समूह करता था। राज्य में एक विशाल एवं कार्यक्षम सेना थी, जिसकी संख्या सर्वदा एक-सी नहीं रहती थी। राजा की स्थायी फौज में आवश्यकता के समय जागीरदारों तथा सरदारों की सहायक सेना सम्मिलित कर ली जाती थी। सेना के विभिन्न अंग थे-पदाति, जिसमें भिन्न-भिन्न वर्गों एवं धमाँ के लोग लिये जाते थे।
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