साम्यवाद क्या था
साम्यवाद – कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक एंगेल्स द्वारा प्रतिपादित तथा साम्यवादी घोषणापत्र में वर्णित समाजवाद की चरम परिणति है। साम्यवाद, सामाजिक-राजनीतिक दर्शन के अंतर्गत एक ऐसी विचारधारा के रूप में वर्णित है, जिसमें संरचनात्मक स्तर पर एक समतामूलक वर्गविहीन समाज की स्थापना की जाएगी। ऐतिहासिक और आर्थिक वर्चस्व के प्रतिमान ध्वस्त कर उत्पादन के साधनों पर समूचे समाज का स्वामित्व होगा। अधिकार और कर्तव्य में आत्मार्पित सामुदायिक सामंजस्य स्थापित होगा। स्वतंत्रता और समानता के सामाजिक राजनीतिक आदर्श एक दूसरे के पूरक सिद्ध होंगे। न्याय से कोई वंचित नहीं होगा और मानवता एक मात्र जाति होगी। श्रम की संस्कृति सर्वश्रेष्ठ और तकनीक का स्तर सर्वोच्च होगा।
साम्यवाद सिद्धांततः अराजकता का पोषक हैं जहाँ राज्य की आवश्यकता समाप्त हो जाती है। मूलतः यह विचार समाजवाद की उन्नत अवस्था को अभिव्यक्त करता है। मार्क्स की क्रांतिकारी विचारधारा 20 वीं सदी के आंदोलनों से प्रेरित थी और कुछ मामलों में सरकारों पर नियंत्रण हो गया था। 1917 में बोल्शेविक क्रांति ने रूसी जार को उखाड़ दिया और एक गृहयुद्ध के बाद सोवियत संघ की स्थापना हुई जो 1991 में ध्वस्त हो गई एक नाममात्र कम्युनिस्ट साम्राज्य था। सोवियत संघ केवल “नाममात्र” कम्युनिस्ट था, क्योंकि कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा शासित होने पर इसे हासिल नहीं किया गया था एक क्लासलेस, स्टेटलेस सोसायटी जिसमें जनसंख्या सामूहिक रूप से उत्पादन के साधन हैं।
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