पाली ग्रंथों में गांव के मुखिया को क्या कहा जाता था
पाली ग्रंथों में गांव के मुखिया को ग्राम ‘भोजक’ कहा जाता है। पाली प्राचीन उत्तर भारत के लोगों की भाषा थी। इसका विस्तार पूर्व में बिहार से पश्चिम में हरियाणा – राजस्थान तक और उत्तर में नेपाल-उत्तरप्रदेश तक बोली जाती थी। महात्मा बुद्ध ने पाली भाषा में ही बौद्ध धर्म का प्रचार प्रसार किया।
Subhash Saini Changed status to publish