बहादुरशाह जफर और उनकी बेगम जीनत महल को कैदी बनाकर किस जेल में रखा गया था
बहादुरशाह जफर और उनकी बेगम जीनत महल को कैदी बनाकर किस जेल में रखा गया था?
अंतिम मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर की बेगम जीनत महल अंग्रेजों से लोहा लेने के लिए लगातार बादशाह को उत्साहित करती रहीं। चारों ओर से घिर जाने पर बेगम ने बहादुर शाह को सलाह दी थी अंग्रेजों के सामने आत्मसमर्पण न करें, लड़ाई लड़ें। मगर संसाधन उपलब्ध नहीं होने पर बहादुर शाह ऐसा नहीं कर सके। बादशाह को डर था कि लड़ाई होगी तो और अधिक खून-खराबा होगा। जिस पर बहादुर शाह और जीनत महल ने अलग-अलग रास्ते लालकिला छोड़ने का फैसला कर लिया था। जीनत महल को नजर आने लगा था कि देश पर अंग्रेजों का कब्जा हो रहा है। जिस पर एक नाव के माध्यम से यमुना से होते हुए निजामुद्दीन औलिया की दरगाह और फिर हुमायूं के मकबरे में पहुंचे। गिऱफ्तारी के बाद चले मुकदमे में जब बहादुर शाह को सजा के तौर पर रंगून जेल के लिए ले जाया जाने लगा तो जीनत महल को देश में ही रहने की छूट अंग्रेज हुकूमत ने दे दी थी, मगर उन्होंने पति बहादुर शाह जफर से साथ जेल में रहना पसंद किया और उनके साथ रंगून चली गई। वहीं पर जेल में ही रहते हुए अंतिम सांस ली। आज भी उनकी कब्र रंगून में बहादुर शाह जफर की कब्र के साथ बनी है।