निरुक्त की रचना किसने की थी
निरूक्त की रचना ‘यास्क’ ने की थी। संस्कृत के प्राचीन वैयाकरण (Grammarian) यास्क को इसका जनक माना जाता है। यास्क वैदिक संज्ञाओं के एक प्रसिद्ध व्युत्पतिकार एवं वैयाकरण थे। इनका समय महाभारत काल के पूर्व का था। शान्तिपर्व अध्याय 342 का संदर्भ इसमें प्रमाण है। इन्हें निरूक्तकार कहा गया है। निरूक्त को तीसरा वेदांग माना जाता है।
Subhash Saini Changed status to publish