इतिहास
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नवम्बर- 2019 -22 नवम्बर
गहङवाल (राठौङ) राजवंश की जानकारी प्रदान करने वाले इतिहास के स्रोत
गुर्जर-प्रतिहार राजवंश के पतन के बाद उत्तर भारत की राजनीतिक दशा - हर्ष वर्धन की मृत्यु के बाद प्रतिहारों ने…
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21 नवम्बर
गुर्जर-प्रतिहार शासक महेन्द्रपाल द्वितीय तथा प्रतिहार साम्राज्य का पतन
महेन्द्रपाल द्वितीय के बाद 960 ईस्वी तक प्रतिहार वंश में चार शासक हुये - देवपाल (948-49 ईस्वी), विनायकपाल द्वितीय (953-54…
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21 नवम्बर
गुर्जर-प्रतिहार शासक महीपाल
महेन्द्रपाल के बाद कुछ समय के लिये भोज द्वितीय ने शासन किया। किन्तु दो वर्षों बाद ही उसका सौतेला भाई…
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20 नवम्बर
गुर्जर-प्रतिहार शासक महेन्द्रपाल प्रथम
महेन्द्रपाल प्रथम की सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि मगध तथा उत्तरी बंगाल की विजय थी। महेन्द्रपाल प्रथम विद्वानों का उदार संरक्षक था।
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19 नवम्बर
गुर्जर-प्रतिहार शासक मिहिरभोज प्रथम
उसने अपने वंश का वर्चस्व बुंदेलखंड में पुनः स्थापित किया तथा जोधपुर के प्रतिहारों (परिहार) का दमन किया।
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19 नवम्बर
गुर्जर-प्रतिहार शासक रामभद्र
उसके समय में प्रतिहारों को पालों के हाथों पराजय का सामना करना पङा था। नारायणपाल के बादल लेख से पता…
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18 नवम्बर
गुर्जर-प्रतिहार शासक नागभट्ट द्वितीय
नागभट्ट द्वितीय ने दूसरी दिशाओं में अपनी तकदीर आजमाई। उसने कन्नौज पर आक्रमण कर धर्मपाल के नामजद शासक चक्रायुद्ध को…
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17 नवम्बर
गुर्जर-प्रतिहार शासक वत्सराज का इतिहास
गुर्जर- प्रतिहार वंश का चौथा शासक वत्सराज था।वत्सराज को गुर्जर-प्रतिहार वंश का वास्तविक संस्थापक माना जाता है।
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17 नवम्बर
गुर्जर प्रतिहार शासक-नागभट्ट प्रथम
ग्वालियर अभिलेख से पता चलता है, कि उसने एक शक्तिशाली म्लेच्छ शासक की विशाल सेना को नष्ट कर दिया। यह…
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16 नवम्बर
राजपूतों के प्रमुख राजवंश – गुर्जर-प्रतिहार वंश के इतिहास के साधन, उत्पत्ति
इस वंश की प्राचीनता 5वी.शता. तक जाती है। पुलकेशिन द्वितीय के ऐहोल लेख में गुर्जर जाति का उल्लेख सर्वप्रथम हुआ…
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