इतिहास
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दिसम्बर- 2019 -18 दिसम्बर
चंदेल शासक हर्ष का इतिहास
खजुराहो लेख के अनुसार उसने प्रतिहार शासक क्षितिपाल (महीपाल) को पुनः कन्नौज की गद्दी पर बैठाया। ऐसा प्रतीत होता है,…
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17 दिसम्बर
जेजाकभुक्ति (बुंदेलखंड) के चंदेल शासकों के इतिहास के साधन
खजुराहो (छत्रपुर, मध्यप्रदेश) के विक्रम संवत् 1011 अर्थात् 954 ईस्वी तथा विक्रम संवत् 1059 अर्थात् 1002 ईस्वी का लेख।
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17 दिसम्बर
नवसाहसांकचरित नामक पुस्तक की रचना किसने की
नवसाहसांकचरित( navasaahasaankacharit ) प्राचीन संस्कृत ग्रंथ है। नवसाहसांकचरित के रचयिता पद्मगुप्त परिमल(Padmagupta parimal) थे।
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16 दिसम्बर
परमार वंश के राजनैतिक इतिहास का वर्णन
परमार वंश की स्थापना 10 वीं शता. ईस्वी के प्रथम चरण में उपेन्द्र अथवा कृष्णराज नामक व्यक्ति ने की थी।…
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15 दिसम्बर
परमार भोज के उत्तराधिकारी तथा परमार सत्ता का अंत
नरवर्मा का उत्तराधिकारी उसका पुत्र यशोवर्मा (1133-1142 ईस्वी) हुआ। उसके समय चालुक्यों के आक्रमण के कारण मालवा की स्थिति काफी…
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15 दिसम्बर
परमार शासक भोज की सांस्कृतिक उपलब्धियाँ
भोज स्वयं विद्वान था तथा उसकी उपाधि कविराज की थी। उसने ज्योतिष, काव्य शास्र, वास्तु आदि विषयों पर महत्त्वपूर्ण ग्रंथों…
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14 दिसम्बर
मालवा के परमार शासक भोज का इतिहास
उदयपुर प्रशस्ति से हमें भोज की राजनैतिक उपलब्धियों के बारे में सूचना प्राप्त होती है। इस प्रशस्ति के अनुसार भोज…
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13 दिसम्बर
परमार वंश का पतन क्यों हुआ था
भोज अपने जीवन के अंतिम दिनों में अपने साम्राज्य की रक्षा नहीं कर सका तथा उसे भारी असफलताओं का सामना…
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13 दिसम्बर
परमार राजा भोज के द्वारा किये गये युद्ध एवं विजयें
भोज का सर्वप्रथम संघर्ष कल्याणी के चालुक्यों के साथ हुआ। प्रारंभ में उसे सफलता मिली। तथा गोदावरी नदी के आस-पासका…
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12 दिसम्बर
परमार वंश के सिंधुराज का इतिहास
नवसाहसांकचरित से पता चलता है, कि सिंधुराज ने कुंतलेश्वर द्वारा अधिग्रहीत अपने राज्य को तलवार के बल पर पुनः अपने…
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