इतिहास
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मई- 2020 -25 मई
चोल कालीन भूमि तथा राजस्व
चोल राज्य की आय का मुख्य साधन भूमिकर था। भूमिकर ग्राम-सभायें एकत्र करके सरकारी खजाने में जमा करती थी।
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25 मई
चोल काल में न्याय व्यवस्था कैसी थी
चोल साम्राज्य में न्याय के लिये नियमित न्यायालयों का गठन किया गया था। लेखों में धर्मासन तथा धर्मासन-भट्ट का उल्लेख…
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24 मई
चोलकालीन शासन प्रबंध
चोल संस्कृति का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण पक्ष उसकी शासन-व्यवस्था है। चोल सम्राटों ने एक विशिष्ट शासन व्यवस्था का निर्माण किया,जिसमें प्रबल…
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24 मई
चोल काल में ग्राम शासन व्यवस्था कैसी थी
चोल शासन की सबसे उल्लेखनीय विशेषता है- असाधारण शक्ति तथा क्षमता है, जो स्वायत्तशासी ग्रामीण संस्थाओं के संचालन में परिलक्षित…
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23 मई
चोल राजवंश का इतिहास
चोल राजवंश का प्रारंभिक इतिहास अंधकारपूर्ण है।संगम युग (100-250ई.) में चोल वंशी नरेश दक्षिण में शक्तिशाली थे। इस काल के…
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23 मई
चोल शासक राजेन्द्र तृतीय का इतिहास
राजेन्द्र तृतीय चोल वंश का अंतिम शासक था। उसने चोल शक्ति का पुनरुद्धार किया।
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22 मई
चोल शासक राजराज तृतीय
कुलोत्तुंग तृतीय का उत्तराधिकारी राजराज तृतीय था, जो एक निर्बल राजा था।
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22 मई
चोल शासक कुलोत्तुंग तृतीय
कुलोत्तुंग तृतीय चोल शासक राजाधिराज द्वितीय का उत्तराधिकारी था।
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21 मई
चोल शासक राजाधिराज द्वितीय का इतिहास
चोल शासक राजराज द्वितीय का उत्तराधिकारी राजाधिराज द्वितीय था। इसने 1173 ई. से 1178 ई. तक शासन किया था।
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21 मई
चोल शासक राजराज द्वितीय का इतिहास
राजराज द्वितीय कुलोत्तुंग द्वितीय का पुत्र तथा उत्तराधिकारी था।
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