इतिहास
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मई- 2020 -30 मई
दक्षिण भारत में शिल्प तथा उद्योग धंधे
कृषि कर्म के साथ-साथ संगम काल के बाद दक्षिण भारत में विविध प्रकार के शिल्पों तथा उद्योग धंधों का प्रचलन…
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30 मई
दक्षिण भारत में कृषि कार्य
संगम काल के बाद में दक्षिण में कृषि का खूब विकास हुआ। इस समय जंगलों की कटाई कर अधिकाधिक भूमि…
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29 मई
दक्षिण भारत का समाज कैसा था
संगमकालीन समाज के विषय में बात करते हैं, तो हम पाते हैं, कि इस समय तक दक्षिण भारत का आर्यकरण…
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29 मई
पाण्ड्यों द्वारा बनवाये गये मंदिर
पल्लव तथा चोल शासकों द्वारा बनवाये गये मंदिरों में द्रविङ वास्तु का चरम विकास देखने को मिलता है। चोलों को…
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28 मई
पाण्ड्य राज्य के बारे में जानकारी
तमिल प्रदेश का तीसरा राज्य पाण्ड्यों का था, जिसमें प्रारंभ में तिनेवेली, रानाड तथा मदुरा का क्षेत्र सम्मिलित था। पाण्ड्यों…
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28 मई
चेर राजवंश के बारे में जानकारी
चेर राज्य आधुनिक केरल प्रांत में स्थित था,जिसके अंतर्गत त्रावणकोर, कोचीन तथा मालाबार का कुछ भाग सम्मिलित था।
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27 मई
चोल काल में कला तथा स्थापत्यकला
चोल वंशी शासक उत्साही निर्माता थे और उनके समय में कला और स्थापत्य के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण प्रगति हुयी।
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27 मई
चोलकालीन साहित्य की जानकारी
चोल राजाओं का शासनकाल तमिल भाषा एवं साहित्य के विकास के लिये प्रसिद्ध है। तमिल लेखकों में सर्वाधिक प्रसिद्ध जयन्गोन्दार…
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26 मई
चोलों की धार्मिक स्थिति कैसी थी
चोल राजाओं के समय में तमिल प्रदेश में शैव तथा वैष्णव धर्मों का बोलबाला रहा। शैव नायनारों तथा वैष्णव आचार्यों…
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26 मई
चोल काल में सैन्य संगठन कैसा था
चोल राजाओं ने एक विशाल संगठित सेना का निर्माण किया था। उनके कुल सैनिकों की संख्या एक लाख पचास हजार…
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