इतिहास
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जून- 2020 -4 जून
प्राचीन काल में शिक्षा पद्धति के दोष
प्राचीन शिक्षा पद्धति की यदि हम आलोचनात्मक समीक्षा करें, तो उसमें गुणों के साथ-साथ कुछ दोष भी दिखाई देते हैं।
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3 जून
प्राचीन काल में परीक्षा तथा उपाधियाँ
प्राचीन शिक्षा पद्धति में आधुनिक युग की भाँति परीक्षा लेने तथा उपाधि प्रदान करने की प्रथा का अभाव था। विद्यार्थी…
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3 जून
प्राचीन काल में गुरु-शिष्य संबंध कैसे थे
प्राचीन भारतीय समाज में गुरु को अत्यन्त आदरपूर्ण स्थान दिया गया था। उसे देवता माना जाता था। गुरु-शिष्य संबंध अत्यन्त…
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2 जून
पल्लव राजवंश के इतिहास के साधन
पल्लव काल में संस्कृत तथा तमिल भाषा में अनेक ग्रंथों की रचना की गयी। संस्कृत ग्रंथों में अवन्तिसुन्दरीकथा तथा मत्तविलासप्रहसन…
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2 जून
प्राचीन काल में शिक्षण शुल्क
प्राचीन भारतीय शिक्षा में शुल्क प्रदान करने का कोई निश्चित नियम नहीं था। प्रायः शिक्षा निःशुल्क होती थी। शिक्षा प्रदान…
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2 जून
प्राचीन काल में गुरुकुल पद्धति
प्राचीन भारतीय शिक्षा पद्धति का एक प्रमुख तत्व गुरुकुल व्यवस्था है। इसमें विद्यार्थी अपने घर से दूर गुरु के घर…
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1 जून
प्राचीन भारतीय शिक्षा के पाठ्यक्रम
ऋग्वैदिक अथवा पूर्व-वैदिक काल में शिक्षा का मुख्य पाठ्यक्रम वैदिक साहित्य का अध्ययन ही था। पवित्र वैदिक ऋचाओं के अलावा…
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1 जून
प्राचीन भारतीय शिक्षा के प्रमुख उद्देश्य
किसी भी प्राचीन ग्रंथ में शिक्षा के उद्देश्यों का आधुनिक शिक्षा सिद्धांत के अनुसार वर्णन नहीं प्राप्त होता है। तथापि…
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मई- 2020 -31 मई
प्राचीन काल में दक्षिण भारत की अर्थव्यवस्था
प्राचीन काल से भी पहले अर्थात् अति प्राचीन काल से ही भारत के आर्थिक जीवन का आधार वार्ता को स्वीकार…
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31 मई
दक्षिण भारत में व्यापार तथा वाणिज्य
कृषि तथा शिल्प उद्योगों के साथ-साथ दक्षिण भारत में व्यापार-वाणिज्य की भी प्रगति हुई। इस काल की व्यापारिक गतिविधियों के…
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