इतिहास
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मार्च- 2019 -11 मार्च
ब्रिटिश काल में भारत की अर्थव्यवस्था (Economy)
भारत में कंपनी राज्य की स्थापना के पूर्व देश की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी थी। 1700 ई. में भारत की…
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11 मार्च
दादाभाई नौरोजी का धन निष्कासन का(dhan ka nishkaasan) सिद्धांत क्या था
18 वी. शता.में इंग्लैण्ड (England)के उद्योगों को सुरक्षित रखने की दृष्टि से भारत में बनी वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंद…
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9 मार्च
स्थानीय स्वशासन(Sthaaneey svashaasan) की स्थापना
ब्रिटिश लेखकों ने रिपन को स्थानीय स्वशासन ( Sthaaneey svashaasan )का पिता कहा है, किन्तु ब्रिटिश इतिहासकारों का यह कथन…
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9 मार्च
वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट(Vernacular Press Act) क्या है इसे किसने समाप्त किया
लार्ड लिटन (Litan)की प्रतिक्रियावादी नीकि की भारतीय समाचार - पत्रों (Indian Newspapers)ने तीव्र आलोचना की थी। भारतीय भाषाओं के समाचार-पत्र…
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8 मार्च
इल्बर्ट बिल विवाद (ilbart bil vivaad)क्या था
न उदारवाद का प्रतीक था। अतः 1882 ई. में उसने भारत सचिव के निर्देशानुसार रुङकी इंजीनियरिंग कॉलेज (Rungki Engineering College)में…
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8 मार्च
उदारवाद का प्रतीक लार्ड रिपन(Lord Ripon)
लार्ड लिटन (Lord Lytton)की प्रतिक्रियावादी नीतियों की इंग्लैण्ड में तीव्र प्रतिक्रिया हुई। अतः 1880 ई. के चुनावों में इंग्लैण्ड में…
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8 मार्च
ब्रिटिश सरकार की प्रशासनिक नीति(prashaasanik neeti)
1857 की क्रांति( 1857 kee kraanti ) की समाप्ति के बाद भारत में जो सैनिक एवं प्रशासनिक परिवर्तन किये गये…
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7 मार्च
ब्रिटिश साम्राज्यवादी नीति(1858-1905)
1857 ई. की क्रांति की आग ने ईस्ट इंडिया कंपनी की सत्ता को भस्मीभूत कर दिया। अब भारत की सत्ता…
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7 मार्च
तृतीय आंग्ल-बर्मी युद्ध के कारण तथा बर्मा का विलय
भारत सचिव उत्तर बर्मा को अधिक महत्त्वपूर्ण समझने लगा। यदि अंग्रेजों की सर्वोच्चता ब्रिटिश बर्मा और चीन के बीच के…
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7 मार्च
द्वितीय आंग्ल-बर्मी युद्ध का वर्णन
यांडबू की संधि द्वारा दोनों (अंग्रेज व बर्मा) के बीच कूटनीतिक संबंध स्थापित करने का निश्चय किया गया था। किन्तु…
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