दक्षिण भारत
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मई- 2020 -12 मई
पल्लव काल में मामल्ल-कला शैली (640-674ई.)
मामल्ल कला शैली का विकास पल्लव शासक नरसिंहवर्मन प्रथम महामल्ल के काल में हुआ। इसके अंतर्गत दो प्रकार के स्मारक…
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12 मई
पल्लवकालीन महेन्द्र कला शैली (610-640ईस्वी)
पल्लव वास्तु का प्रारंभ वस्तुतः महेन्द्रवर्मन प्रथम के समय से हुआ, जिसकी उपाधि विचित्र चित्र की थी। मंडगपट्ट लेख में…
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11 मई
पल्लवकालीन साहित्य का इतिहास
पल्लव राजाओं का शासन संस्कृत तथा तमिल दोनों ही भाषाओं के साहित्य की उन्नति का काल रहा। कुछ पल्लव नरेश…
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11 मई
पल्लव शासकों का धार्मिक जीवन
पल्लव राजाओं का शासन काल दक्षिण भारत के इतिहास में ब्राह्मण धर्म की उन्नति का काल रहा। इस काल के…
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10 मई
पल्लव काल में शासन व्यवस्था कैसी थी
शासन का सर्वोच्च अधिकारी राजा होता था। उसकी उत्पत्ति दैवी मानी जाती थी। पल्लव नरेश अपनी उत्पत्ति ब्रह्मा से मानते…
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10 मई
पल्लव शासकों की वंशावली तथा तिथिक्रम
पल्लव वंश के प्रारंभिक शासकों का पता हमें प्राकृत ताम्रलेखों के आधार पर होता है। प्राकृत लेख 250 ई. से…
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9 मई
पल्लव वंश के शासक नृपतुङ्ग का इतिहास
कांञ्ची के पल्लव वंश के शासक नंदिवर्मन तृतीय का पुत्र नृपतुङ्ग था। जो 869-880ई. तक शासक रहा।
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9 मई
अपराजित पल्लव वंश का शासक था
कीञ्ची के पल्लव वंश का शक्तिशाली तथा अंतिम महत्त्वपूर्ण शासक अपराजित था।
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8 मई
नंदिवर्मन तृतीय पल्लवों के समय का शासक था
कांची के पल्लव शासक दंतिवर्मन की मृत्यु के बाद उसका पुत्र नंदिवर्मन तृतीय(Nandivarman III) (846-69ई.) शासक बना। वह एक पराक्रमी…
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8 मई
दंतिवर्मन पल्लवकालीन शासक का इतिहास
दंतिवर्मन कांची के पल्लवकालीन नंदिवर्मन का पुत्र था, जो उसकी पत्नी रेवा (राष्ट्रकूट नरेश दंतिदुर्ग की कन्या) से उत्पन्न हुआ।
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