दक्षिण भारत
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अगस्त- 2020 -4 अगस्त
संगम काल : महत्त्वपूर्ण तथ्य
संगम वस्तुतः एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ सभा होता है। तमिल परंपरा के अनुसार पौराणिक समय से तीन संगम…
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जून- 2020 -2 जून
पल्लव राजवंश के इतिहास के साधन
पल्लव काल में संस्कृत तथा तमिल भाषा में अनेक ग्रंथों की रचना की गयी। संस्कृत ग्रंथों में अवन्तिसुन्दरीकथा तथा मत्तविलासप्रहसन…
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मई- 2020 -31 मई
प्राचीन काल में दक्षिण भारत की अर्थव्यवस्था
प्राचीन काल से भी पहले अर्थात् अति प्राचीन काल से ही भारत के आर्थिक जीवन का आधार वार्ता को स्वीकार…
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31 मई
दक्षिण भारत में व्यापार तथा वाणिज्य
कृषि तथा शिल्प उद्योगों के साथ-साथ दक्षिण भारत में व्यापार-वाणिज्य की भी प्रगति हुई। इस काल की व्यापारिक गतिविधियों के…
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30 मई
दक्षिण भारत में शिल्प तथा उद्योग धंधे
कृषि कर्म के साथ-साथ संगम काल के बाद दक्षिण भारत में विविध प्रकार के शिल्पों तथा उद्योग धंधों का प्रचलन…
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30 मई
दक्षिण भारत में कृषि कार्य
संगम काल के बाद में दक्षिण में कृषि का खूब विकास हुआ। इस समय जंगलों की कटाई कर अधिकाधिक भूमि…
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29 मई
दक्षिण भारत का समाज कैसा था
संगमकालीन समाज के विषय में बात करते हैं, तो हम पाते हैं, कि इस समय तक दक्षिण भारत का आर्यकरण…
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29 मई
पाण्ड्यों द्वारा बनवाये गये मंदिर
पल्लव तथा चोल शासकों द्वारा बनवाये गये मंदिरों में द्रविङ वास्तु का चरम विकास देखने को मिलता है। चोलों को…
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28 मई
पाण्ड्य राज्य के बारे में जानकारी
तमिल प्रदेश का तीसरा राज्य पाण्ड्यों का था, जिसमें प्रारंभ में तिनेवेली, रानाड तथा मदुरा का क्षेत्र सम्मिलित था। पाण्ड्यों…
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28 मई
चेर राजवंश के बारे में जानकारी
चेर राज्य आधुनिक केरल प्रांत में स्थित था,जिसके अंतर्गत त्रावणकोर, कोचीन तथा मालाबार का कुछ भाग सम्मिलित था।
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