राजस्थान का इतिहास

  • अप्रैल- 2021 -
    10 अप्रैल

    रणथंभौर और दिल्ली सल्तनत

    रणथंभौर, जयपुर से दक्षिण-पूर्व की दिशा में स्थित है। यहाँ का विशाल दुर्ग एक पथरीले पठार पर, जो कि समुद्र…

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  • 9 अप्रैल

    हम्मीरदेव चौहान का इतिहास

    हम्मीरदेव चौहान - बागभट्ट के बाद जयसिम्हा रणथंभौर का शासक बना। दिल्ली सल्तनत की स्थिति को देखते हुये यह अनुमान…

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  • 8 अप्रैल

    उज्जैन के गुर्जर-प्रतिहार

    उज्जैन के गुर्जर-प्रतिहारों ने मंडौर से अपना राज्य-विस्तार शुरू किया था और उनका पूर्वज हरिश्चंद्र नामक ब्राह्मण था। संभव है…

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  • 7 अप्रैल

    भङोंच के गुर्जर-प्रतिहार

    भङोंच के गुर्जर-प्रतिहार - सातवीं और आठवीं सदी के कुछ दान-पत्रों से पता चलता है कि भङोंच और उसके आसपास…

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  • 5 अप्रैल

    गुर्जर-प्रतिहार कौन थे

    गुर्जर-प्रतिहार - 8 वीं शताब्दी के प्रारंभ में (लगभग 725 ई. में) गुजरात में एक नये राजवंश की स्थापना हुई।…

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  • 4 अप्रैल

    मेवाङ के गुहिल कौन थे

    मेवाङ के गुहिल और उसके उत्तराधिकारी - गुहिल, गोह अथवा गुहदत्त आनंदपुर (बङनगर) के अंतिम राजा शिलादित्य का पुत्र था।…

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  • 3 अप्रैल

    जैत्रसिंह का इतिहास(1213-1252ई.)

    जैत्रसिंह - 13 वीं सदी के आरंभ में मेवाङ के इतिहास में एक नया मोङ आता है। इस समय तक…

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  • 2 अप्रैल

    बप्पा रावल कौन था

    मेवाङ के इतिहास में बापा (जिसे बापा, बप्पक, बाप्प आदि नामों से भी पुकारा जाता है) का महत्त्वपूर्ण स्थान है।…

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  • 1 अप्रैल

    गुहिल कौन थे

    गुहिल - गुहिलों का अभ्युदय राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशीय राजपूतों का स्थान अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। प्राचीन राजस्थान के इतिहास…

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  • मार्च- 2021 -
    31 मार्च

    आहङ की सभ्यता का इतिहास

    आहङ की सभ्यता - उदयपुर नगर से लगभग दो-तीन मील की दूरी पर आहङ एक कस्बा है, जिसकी संस्कृति लगभग…

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