प्राचीन भारत
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नवम्बर- 2019 -15 नवम्बर
राजनीति शास्र के प्रमुख ग्रंथ तथा लेखक कौटिल्य और उसका अर्थशास्र, कामंदकीय नीतिसार, शुक्रनीति
प्राचीन काल में राजनैतिक व्यवस्था अर्थात् राजा तथा राज्य और राजा के कार्यों के बारे में अलग-2 विद्वानों ने अपने…
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14 नवम्बर
शुक्रनीति क्या है
शुक्रनीति में शासन-व्यवस्था का जैसा विवरण दिया गया है, वैसा अर्थशास्र को छोङकर और अन्य किसी भी ग्रंथ में नहीं…
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14 नवम्बर
कामंदकीय नीतिसार में किस विषय का वर्णन है
कामंदकीय नीतिसार कौटिल्य के अर्थशास्र का संक्षेपीकरण मात्र है। इसे आसानी से कंठस्थ योग्य बनाने के उद्देश्य से लेखक ने…
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13 नवम्बर
सप्तांग सिद्धांत क्या था
कौटिल्य द्वारा प्रतिपादित राज्य का उपर्युक्त सप्तांग सिद्धांतवाद के लेखकों के लिये आदर्श स्वरूप बना रहा। कुछ ग्रंथों में इन…
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12 नवम्बर
प्राचीन कालीन राज्य के प्रकार
प्राचीन साहित्य एवं विदेशी लेखकों के विवरण से पता चलता है, कि राजतंत्रात्मक राज्यों के साथ ही साथ प्राचीन इतिहास…
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12 नवम्बर
प्राचीन भारतीय राजत्व की विशेषताएँ
अति प्राचीन काल से ही भारतीयों ने राजा एवं राजपद की महत्ता को समझा एवं सामाजिक व्यवस्था के लिये उसे…
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11 नवम्बर
प्राचीन भारत में राज्य संस्था की उत्पत्ति के सिद्धांत
राजदंड के डर से ही मनुष्य न्याय के मार्ग पर चलते हैं तथा न्याय ही उनका रक्षक हैं। महाभारत में…
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10 नवम्बर
पाल युगीन कला एवं स्थापत्य का इतिहास
तारानाथ के अनुसार इस वंश के संस्थापक राजा गोपाल ने नालंदा में बौद्ध विहार बनवाया था। उसने सोमपुरी तथा ओदंतपुरी…
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10 नवम्बर
सेन शासकों का इतिहास
पालों के बाद सेन परिवार ने बंगाल पर शासन किया। उसका संस्थापक सामंतसेन था, जिसे ब्रह्मक्षत्रिय कहा जाता था। ब्रह्मक्षत्रिय…
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9 नवम्बर
उत्तर भारत के प्रमुख राजवंश – प्रतिहार,पाल, राष्ट्रकूट
750-1000 ईस्वी के मध्य उत्तर भारत और डेक्कन में कई शक्तिशाली साम्राज्यों का उदय हुआ था। जिनमें पाल, प्रतिहार और…
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