वर्द्धन वंश
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अगस्त- 2020 -10 अगस्त
पुष्यभूति वंश महत्त्वपूर्ण तथ्य
दिल्ली और पंजाब के भू-भाग पर स्थित श्रीकंठ नामक प्राचीन जनपद का एक भाग थानेश्वर था, जहाँ पुष्यभूति नामक व्यक्ति…
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नवम्बर- 2019 -2 नवम्बर
मंजूश्रीमूलकल्प ग्रंथ किस लेखक की रचना है
हर्षकालीन इतिहास की कुछ घटनाओं पर यह ग्रंथ प्रकाश डालता है।
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1 नवम्बर
बाणभट्ट के बारे में जानकारी
इनके दो प्रमुख ग्रंथ हैं, जो संस्कृत भाषा में रचित हैं: हर्षचरितम् तथा कादम्बरी। हर्षचरितम् , राजा हर्षवर्धन का जीवन-चरित्र…
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अक्टूबर- 2019 -31 अक्टूबर
कादंबरी की रचना किसने की थी
कादंबरी विश्व का प्रथम उपन्यास कहलाने का अधिकारी है। इसकी कथा सम्भवतः गुणाढ्य द्वारा रचित वृहद्कथा के राजा सुमानस की…
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31 अक्टूबर
हर्षचरित की रचना किसने की थी
पहले अध्याय का कोई ऐतिहासिक महत्त्व नहीं है।इसमें स्वयं (बाणभट्ट) के जीवन और परिवार से संबंधित जानकारी मिलती है। दूसरे…
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30 अक्टूबर
हर्षवर्धन द्वारा रचित ग्रंथों के नाम
इत्सिंग भी बाताता है, कि हर्ष एक साहित्यिक व्यक्ति था। अपने दरबारियों की काव्यात्मक रचनाओं के लिये भी वह उत्तरदायी…
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30 अक्टूबर
वर्धन वंश का राजनैतिक इतिहास
गुप्त साम्राज्य का पतन 550 ईस्वी में हुआ था। उसी समय से वर्धन वंश का उदय हो जाता है।
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29 अक्टूबर
नालंदा मृण्मुद्रा अभिलेख किस शासक से संबंधित है
यह अभिलेख हर्षवर्धन से संबंधित है। मिट्टी की मुहर पर उत्कीर्ण यह लेख बिहार के नालंदा से मिला है। इसकी…
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29 अक्टूबर
सोनपत ताम्रमुद्रा अभिलेख
इसमें भी वर्धन वंश के वंशावली नरवर्धन से प्रारंभ होकर हर्षवर्धन पर समाप्त हो जाती है।
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28 अक्टूबर
हर्ष के अभिलेख बांसखेङा ताम्रपत्र लेख
सिद्धि, स्वस्ति (कल्याण हो)। नाव, हस्ति तथा अश्वों से युक्त वर्धमानकोटि के जयस्कंधावार (सैनिक शिविर) से (यह घोषित किया गया)…
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