मौखरी राजवंश
-
अक्टूबर- 2019 -12 अक्टूबर
मौखरि वंश तथा उत्तरगुप्त वंश के बीच संबंध कैसे थे
गुप्त वंश के पतन के बाद उत्तर भारत में जो शक्तियाँ स्वतंत्र हुई, उनमें कन्नौज के मौखरि तथा मगध और…
Read More » -
12 अक्टूबर
मौखरि वंश का पतन
यह सुव्र सुचंद्रवर्मा ही था।यह कन्नौज के मौखरि वंश का अंतिम शासक था। इसने 664 ईस्वी तक राज्य किया।
Read More » -
11 अक्टूबर
मौखरि शासक अवंतिवर्मा का इतिहास
नालंदा मुद्रालेख में उसे महाराजाधिराज कहा गया है। मुद्राराक्षस से पता चलता है, कि उसने म्लेच्छों (हूणों) को जीता था।…
Read More » -
11 अक्टूबर
मौखरि शासक ग्रहवर्मा का इतिहास
अब हुआ यह कि इस वैवाहिक संबंध से दोनों वंशों मौखरि तथा वर्द्धन वंश में घनिष्ठता स्थापित हो गयी। वहीं…
Read More » -
10 अक्टूबर
मौखरि शासक सर्ववर्मा का इतिहास
देवबर्नाक के लेख के अनुसार सर्ववर्मा ने वारुणीक नामक ग्राम दान में दिया था, जो उस समय मगध क्षेत्र में…
Read More » -
10 अक्टूबर
मौखरि शासक ईशानवर्मा का इतिहास
हरहा अभिलेख ईशानवर्मा की विजयों का विवरण इस प्रकार देता है - उसने आंध्राधिपति को जिसकी सेना में सहस्रों मतवाले…
Read More » -
9 अक्टूबर
मौखरि राजवंश का राजनैतिक इतिहास
मौखरियों की एक अन्य शाखा राजस्थान में निवास करती थी, जिसका उल्लेख बङवा यूप अभिलेख में मिलता है। इनका काल…
Read More » -
सितम्बर- 2019 -30 सितम्बर
कन्नौज के मौखरी वंश की उत्पत्ति
हर्षचरित में उन्हें मुखरवंश तथा कादंबरी में मौखरिवंश कहा गया है। बराबर गुहाभिलेख में अनंन्तवर्मा अपने कुल को मौखरिणाम् कुलम्…
Read More » -
30 सितम्बर
कन्नौज का मौखरि राजवंश के इतिहास की जानकारी के साधन
कन्नौज में उन्होंने एक राज्य स्थापित कर लिया और उनके समय में मगध के स्थान पर कन्नौज राजनीतिक गतिविधियों का…
Read More »