दक्षिण भारत
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मई- 2020 -1 मई
पाण्ड्य राजवंश का इतिहास
तमिल प्रदेश का तीसरा राज्य पाण्ड्यों का राज्य था, जिसमें प्रारंभ में तिनेवेली, रामनाड तथा मदुरा का क्षेत्र सम्मिलित था।
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1 मई
चेर राजवंश का इतिहास
संगम युग का दूसरा प्रमुख राज्य चेरों का राज्य था, जो आधुनिक केरल प्रांत में स्थित था। इसके अंतर्गत कोयम्बटूर…
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अप्रैल- 2020 -30 अप्रैल
संगम काल का चोल राज्य
संगम युगीन राज्यों में सर्वाधिक शक्तिशाली चोलों का राज्य था। यह पेन्नार तथा दक्षिणी वेल्लारु नदियों के बीच स्थित था।…
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30 अप्रैल
जीवकचिन्तामणि की रचना किसने की
जीवकचिन्तामणि नामक ग्रंथ संगमकाल के बहुत बाद की रचना है। इसकी रचना का श्रेय जैन भिक्षु तिरुत्तक्कदेवर को दिया जाता…
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29 अप्रैल
शिल्पादिकारम किस भाषा में लिखा गया ग्रंथ है
शिल्पादिकारम एक अद्वितीय रचना है। दुर्भाग्यवश इसके लेखक तथा समय के बारे में निश्चित जानकारी उपलब्ध नहीं है।एक मान्यता के…
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29 अप्रैल
मणिमेकलै का लेखक कौन था
शिल्पादिकारम के कुच समय बाद मणिमेकलै नामक ग्रंथ की रचना हुई तथा इस पर शिल्पादिकारम का ही प्रभाव दिखाई देता…
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28 अप्रैल
संगम युग – संगम साहित्य-प्रथम संगम,द्वितीय संगम,तृतीय संगम
ऐतिहासिक युग के प्रारंभ में दक्षिण भारत का क्रमबद्ध इतिहास हमें जिस साहित्य से ज्ञात होता है, उसे संगम साहित्य…
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28 अप्रैल
दक्षिण भारत में महापाषाण काल
नवपाषाणकालीन संस्कृति के बाद सुदूर दक्षिण के इतिहास में जिस संस्कृति का प्रारंभ हुआ, उसे महापाषाणयुगीन (Megalithic culture) संस्कृति कहा…
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27 अप्रैल
दक्षिणापथ के लघु राजवंश का इतिहास
कल्याणी के पश्चिमी चालुक्यों के शासन के बाद दक्षिणापथ में कई सामंतों ने अपनी स्वतंत्रता घोषित कर दी। इनमें देवगिरि…
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27 अप्रैल
वारंगल का काकतीय वंश
काकतीय लोग अपने को चोल करिकाल का वंशज मानते थे। इस वंश का पहला ज्ञात शासक बेत प्रथम था, जिसने…
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