दक्षिण भारत
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मई- 2020 -27 मई
चोल काल में कला तथा स्थापत्यकला
चोल वंशी शासक उत्साही निर्माता थे और उनके समय में कला और स्थापत्य के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण प्रगति हुयी।
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27 मई
चोलकालीन साहित्य की जानकारी
चोल राजाओं का शासनकाल तमिल भाषा एवं साहित्य के विकास के लिये प्रसिद्ध है। तमिल लेखकों में सर्वाधिक प्रसिद्ध जयन्गोन्दार…
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26 मई
चोलों की धार्मिक स्थिति कैसी थी
चोल राजाओं के समय में तमिल प्रदेश में शैव तथा वैष्णव धर्मों का बोलबाला रहा। शैव नायनारों तथा वैष्णव आचार्यों…
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26 मई
चोल काल में सैन्य संगठन कैसा था
चोल राजाओं ने एक विशाल संगठित सेना का निर्माण किया था। उनके कुल सैनिकों की संख्या एक लाख पचास हजार…
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25 मई
चोल कालीन भूमि तथा राजस्व
चोल राज्य की आय का मुख्य साधन भूमिकर था। भूमिकर ग्राम-सभायें एकत्र करके सरकारी खजाने में जमा करती थी।
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25 मई
चोल काल में न्याय व्यवस्था कैसी थी
चोल साम्राज्य में न्याय के लिये नियमित न्यायालयों का गठन किया गया था। लेखों में धर्मासन तथा धर्मासन-भट्ट का उल्लेख…
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24 मई
चोलकालीन शासन प्रबंध
चोल संस्कृति का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण पक्ष उसकी शासन-व्यवस्था है। चोल सम्राटों ने एक विशिष्ट शासन व्यवस्था का निर्माण किया,जिसमें प्रबल…
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24 मई
चोल काल में ग्राम शासन व्यवस्था कैसी थी
चोल शासन की सबसे उल्लेखनीय विशेषता है- असाधारण शक्ति तथा क्षमता है, जो स्वायत्तशासी ग्रामीण संस्थाओं के संचालन में परिलक्षित…
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23 मई
चोल राजवंश का इतिहास
चोल राजवंश का प्रारंभिक इतिहास अंधकारपूर्ण है।संगम युग (100-250ई.) में चोल वंशी नरेश दक्षिण में शक्तिशाली थे। इस काल के…
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23 मई
चोल शासक राजेन्द्र तृतीय का इतिहास
राजेन्द्र तृतीय चोल वंश का अंतिम शासक था। उसने चोल शक्ति का पुनरुद्धार किया।
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