जैन धर्म
जैन धर्म के अनुसार ज्ञान आत्मा का गुण है। आत्मा ज्ञानमय है, ज्ञानस्वरूप है। ज्ञान एवं ज्ञानी भिन्न माने जाते हैं। ज्ञान को 5 भागों में विभक्त किया गया है।
- मतिज्ञान
- श्रुतिज्ञान
- अवधिज्ञान
- मनःपर्याय ज्ञान
- कैवल्य ज्ञान
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अगस्त- 2020 -5 अगस्त
जैन धर्म महत्त्वपूर्ण तथ्य
जैन धर्म के संस्थापक ऋषभदेव थे।ऋषभदेव प्रथम तीर्थंकर भी थे। जैन साधुओं को तीर्थंकर कहा गया है। महावीर स्वामी से…
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जुलाई- 2020 -1 जुलाई
महात्मा बुद्ध तथा महावीर स्वामी में तुलनात्मक अध्ययन
बुद्ध तथा महावीर स्वामी दोनों छठीं शताब्दी ईसा पूर्व की धार्मिक क्रांति के अग्रदूत थे। यह सत्य है, कि इन…
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जून- 2020 -30 जून
जैन धर्म की देन
जैन धर्म का प्रभाव भारत में उतना व्यापक नहीं हुआ, जितना कि बौद्धधर्म का तथा यह कुछ ही भागों तक…
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29 जून
जैन धर्म का प्रचार-प्रसार
महावीर स्वामी के जीवन काल में ही उनके मत का मगध तथा उसके समीपवर्ती क्षेत्रों में व्यापक प्रचार हो गया।…
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10 जून
जैन साहित्य के बारे में जानकारी
जैन साहित्य को आगम (सिद्धांत)कहा जाता है। इसके अंतर्गत 12 अंग, 12 उपांग, 10 प्रकीर्ण, 6 छेदसूत्र, 4 मूलसूत्र, अनुयोग…
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मार्च- 2018 -15 मार्च
जैन धर्म का पतन क्यों हुआ
जैन धर्म भारत भूमि में जन्मा एक महत्त्वपूर्ण धर्म था।महावीर स्वामी के जीवन काल में इस धर्म का अच्छा प्रचार-प्रसार…
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14 मार्च
जैन धर्मः 23वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ कौन थे
जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ का जन्म वाराणसी में हुआ। इनके पिता का नाम अश्वसेन तथा माता का नाम…
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14 मार्च
जैन धर्म के प्रमुख सिद्धांत
जैन धर्म के सिद्धांत निम्नलिखित हैं- निवृतिमार्गी- जैन धर्म भी बौद्ध धर्म की भाँति निवृतिमार्गी धर्म है।जैन धर्म एक भिक्षु…
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13 मार्च
जैन धर्म के दो समुदायः दिगंबर एवं श्वेतांबर
जैन धर्म मानने को तो सभी लोग मान सकते हैं । लेकिन जैन धर्म में दो समुदाय (शाखाएं) हैं ।…
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13 मार्च
अनेकांतवाद एवं स्यादवाद अथवा सप्तभंगीनय
अनेकांतवाद जैन दर्शन का सिद्धांत है। इस सिद्धांत के अनुसार सृष्टि का निर्माण अनेक तत्वों से हुआ है और प्रत्येक…
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