गुप्त काल
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सितम्बर- 2019 -4 सितम्बर
गुप्त काल में न्याय प्रशासन
फाहियान के विवरण से पता चलता है,कि दंडविधान अत्यंत कोमल था। मृत्युदंड नहीं दिया जाता था, और न ही शारीरिक…
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4 सितम्बर
गुप्तों का सामाजिक जीवन
सती प्रथा का उल्लेख केवल 510 ईस्वी के भानुगुप्त के एरण अभिलेख में मिलता है, जिसके अनुसार उसके मित्र गोपराज…
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4 सितम्बर
गुप्त काल में मृण्मूर्ति कला
विष्णु, कार्तिकेय, दुर्गा, गंगा, यमुना आदि देवी-देवताओं की बहुसंख्यक मृण्मूर्तियाँ पहाङपुर, राजघाट, भीटा, कौशांबी, श्रावस्ती पवैया, अहिच्छत्र, मथुरा आदि स्थानों…
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5 सितम्बर
गुप्तों का सैनिक संगठन कैसा था
गुप्तवंशी सम्राट स्वयं कुशल योद्धा होते थे तथा व्यक्तिगत रूप से युद्धों में भाग लेते एवं सेना का संचालन करते…
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5 सितम्बर
गुप्तों की भूमि एवं राजस्व व्यवस्था का इतिहास
भूमिकर संग्रह करने के लिये ध्रुवाधिकरण तथा भूमि आलेखों को सुरक्षित करने के लिये महाक्षपटलिक और करणिक नामक पदाधिकारी थे।…
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6 सितम्बर
गुप्तों का आर्थिक जीवन कैसा था
गुप्त युग में व्यापारिक प्रगति हुई। लंबी एवं चौङी सङकों द्वारा प्रमुख नगर जुङे हुये थे। भङौंच, उज्जयिनी, प्रतिष्ठान, विदिशा,…
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6 सितम्बर
साँची का गुप्त काल का प्रसिद्ध मंदिर
मंदिर नंबर 17 को गुप्त मंदिर के रूप में जाना जाता है और दक्षिण में महान स्तूप की ओर स्थित…
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6 सितम्बर
गुप्तों का धार्मिक जीवन
कुमारगुप्त प्रथम के काल में बुद्ध, सूर्य, शिव आदि की उपासना को समान रूप से राज्य की ओर से प्रोत्साहन…
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6 सितम्बर
गुप्त काल में साहित्य तथा विज्ञान का विकास
हरिषेण सम्राट समुद्रगुपत् का सेनापति एवं विदेश सचिव था। उसकी सुप्रसिद्ध कृति प्रयाग-प्रशस्ति है, जिसे इसमें काव्य कहा गया है।…
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7 सितम्बर
गुप्त काल में मूर्तिकला का इतिहास
एकमुखी शिवलिंग भूमरा के शिवमंदिर के गर्भगृह में स्थापित है। इन मूर्तियों को मुखलिंग कहा जाता है। मुखलिंगों के अलावा…
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