संगम काल में राजा का न्यायालय कहलाता था
संगम कालीन प्रशासन राजतंत्रात्मक था। राजपद वंशानुगत था। राज्य को मंडल कहा जाता था। समस्त अधिकार राजा में निहित थे। राजा को मन्नम, वन्दन, कारवेन इत्यादि उपाधियाँ दी गई थी। ये उपाधियां राजा एवं देवता दोनों के लिए होती थी। राजा के सर्वोच्च न्यायालय या राज्यसभा को ‘मनरम’ कहते थे।
Subhash Saini Changed status to publish