अमीर-ए-सादो की नियुक्ति करने वाला प्रथम सुल्तान कौन था
मुहम्मद बिन तुगलक की विदेश नीति का आधार मैत्री और सद्भभावना थी। उसने फारस, खुरासान, गजनी, बुखारा तथा मध्य एशिया के आये अनेक विद्वानों तथा अमीरों को आश्रय प्रदान किया तथा उनकी योग्यता के अनुरूप उन्हें ऊंचे पद प्रदान किये। इब्नबतूता के अनुसार ‘वह विदेशियों का बड़ा सम्मान करता था तथा राजाज्ञा द्वारा भारत आने वाले सभी विदेशियों को ‘अजीज’ की उपाधि दे रखी थी। इन्हीं विदेशी अमीरों को ‘आमीर-ए-सादा‘ की उपाधि दे रखी थी। इन्हीं विदेशी अमीरों को ‘आमीर-ए-सादा’ कहा जाता था। आगे चलकर इन लोगों ने सुल्तान के विरुद्ध विद्रोह करना आरंभ कर दिया। फलस्वरूप मुहम्मद बिन तुगलक ने इनका कठोरता पूर्वक दमन कर दिया।
Subhash Saini Changed status to publish