जैनियों को बनिया क्यों कहा जाता है
जैन एक धर्म है और जैन धर्म का अनुसरण करने वाले जैनी कहलाते है। जैन धर्म में अहिंसा को बहुत महत्व दिया गया है। जैन धर्म की अहिंसा बहुत सूक्ष्म स्तर तक बताई गई है जिसमें छोटे से छोटे जीव तक को मारना या किसी से मरवाना या कोई मारे तो उसकी अनुमोदना करना भी पाप माना गया है। इस कारण से जैन धर्मी अधिकतर ऐसे व्यवसाय अपनाते है जिसमें जीव हिंसा कम से कम हो।व्यापार जिसे ट्रेडिंग भी कहते है ऐसा ही एक व्यवसाय है। अधिकतर जैन धर्मी जिसमें जीव हिंसा बहुत होती है ऐसी वस्तुओं के उत्पादन या कारखाने लगाना आदि से दूर रहना पसंद करते है।
इसलिए जैन धर्मी किसी के द्वारा बनाई वस्तु की ट्रेडिंग करना पसंद करते है।जिसे व्यापार कहते है।इसी कारण शायद आम लोगों के मन में यह छाप पड़ गई है कि जैन सभी बनिए होते है।
Subhash Saini Changed status to publish