तैमूरलंग ने कितने दिनों तक दिल्ली को लूटा था
तैमूरलंग ने 15 दिनों तक दिल्ली को लूटता रहा।
तैमुर लंग (अर्थात तैमूर लंगड़ा) (जिसे ‘तिमुर’ (8 अप्रैल 1336 – 18 फ़रवरी 1405) चौदहवी शताब्दी का एक शासक था जिसने महान तैमूरी राजवंश की स्थापना की थी। उसका राज्य पश्चिम एशिया से लेकर मध्य एशिया होते हुए भारत तक फैला था। उसकी गणना संसार के महान् और निष्ठुर विजेताओं में की जाती है। वह बरलस तुर्क खानदान में पैदा हुआ था। उसका पिता तुरगाई बरलस तुर्कों का नेता था। भारत के मुग़ल साम्राज्य का संस्थापक बाबर तिमुर का ही वंशज था।
दिसंबर के प्रथम सप्ताह के अंत में दिल्ली के निकट पहुँच गया। यहाँ पर उसने एक लाख हिंदू कैदियों को कत्ल करवाया। पानीपत के पास निर्बल तुगलक सुल्तान महमूद ने 17 दिसम्बर को 40,000 पैदल 10,000 अश्वारोही और 120 हाथियों की एक विशाल सेना लेकर तैमूर का मुकाबिला किया लेकिन बुरी तरह पराजित हुआ। भयभीत होकर तुगलक सुल्तान महमूद गुजरात की तरफ चला गया और उसका वजीर मल्लू इकबाल भागकर बारन में जा छिपा। दूसरे दिन तैमूर ने दिल्ली नगर में प्रवेश किया। 15 दिनों तक सारा शहर बुरी तरह से लूटा-खसोटा गया और उसके अभागे निवासियों को बेभाव कत्ल किया गया या बंदी बनाया गया। पीढ़ियों से संचित दिल्ली की दौलत तैमूर लूटकर समरकंद ले गया। अनेक बंदी बनाई गई औरतों और शिल्पियों को भी तैमूर अपने साथ ले गया। भारत से जो कारीगर वह अपने साथ ले गया। अत: 15 दिन दिल्ली में रुकने के बाद वह स्वदेश के लिये रवाना हो गया।