संयासी विद्रोह किस उपन्यास की विषय वस्तु है
सन्यासी विद्रोह, आंदोलन 1770 में प्रारंभ हुआ था किन्तु 19वीं शताब्दी से दूसरे दशक 1820 तक चला। बंकिम चन्द्र चटर्जी द्वारा 1882 में उनके द्वारा रचित उपन्यास ‘आनन्दमठ’ में सन्यासी विद्रोह का उल्लेख किया गया है। सन्यासी विद्रोह का प्रमुख कारण हिन्दू , नागा और गिरी के सशस्त्र सन्यासियों का तीर्थ यात्रा पर प्रतिबंध लगाना था। इस सन्यासी आंदोलन में किसानों, शिल्पकारों ने भी बढ़-चढ़कर सन्यासियों का साथ दिया। अंग्रेजों द्वारा 1820 ई. में सन्यासी विद्रोह का दमन कर दिया गया।
Subhash Saini Changed status to publish