विजयनगर प्रशासन में मंत्रियों को क्या कहा जाता था
शासन के कार्य में राजा द्वारा नियुक्त एक मंत्रिपरिषद् उसकी सहायता करती थी। इसमें 20 सदस्य होते थे। मंत्रियों की बैठक एक हॉल में होती थी जिसे वेंकटविलासमानप कहा जाता था। प्रधानमंत्री को प्रधानी एवं मत्रियों को दण्डनायक कहा जाता था। यद्यपि ब्राह्मणों को शासन में ऊँचे पद प्राप्त थे तथा उनका काफी प्रभाव था तथा मंत्री केवल उनके वर्ग से ही नहीं, बल्कि क्षत्रियों एवं वैश्यों के वगों से भी भर्ती किये जाते थे। मंत्री का पद कभी-कभी वंशानुगत तथा कभी-कभी चुनाव पर निर्भर था। राजा परिषद् के परामर्श को मानने के लिए बाध्य नहीं था। कभी-कभी महत्त्वपूर्ण मंत्रियों को भी दण्डित किया जाता था।
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Subhash Saini Changed status to publish