प्राचीन भारत में निष्क नाम से क्या जाने जाते थे
प्राचीन भारत में निष्क नाम से क्या जाने जाते थे ?
A) ताँवे
(B) स्वर्ण आभूषण
(C) चाँदी
(D) इनमें से कोई नहीं
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(B) स्वर्ण आभूषण
सिक्कों के नियमित प्रचलन से पूर्व, वैदिक काल से ही निष्क गले में पहनने वाला एक सोने का आभूषण होता था। कालांतर में यह व्यापारिक लेन-देन में प्रयुक्त होने लगा। मौर्य युग तक आते-आते व्यापार-व्यवसाय में नियमित सिक्कों का प्रचलन हो चुका था, सिक्के सोने-चांदी तथा तांबे के बने होते थे। इन सिक्कों को ‘निष्क’ और ‘सुवर्ण’ कहा जाता था, चांदी के सिक्के को कार्षापण या धरण कहा जाता था। तांबे के सिक्के माषक कहलाते थे। छोटे-छोटे तांबे के सिक्के ‘काकणि’ कहे जाते थे। इन पर स्वामित्व सूचक चिन्ह लगाये जाते थे। ज्ञातव्य है कि मौर्यत्तर काल से पूर्व ‘पंचमार्क्ड’ सिक्कों का प्रचलन था। जिस पर केवल आकृतियां छपी होती थीं
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