महमूद गजनवी ने भारत पर कितनी बार आक्रमण किया था
महमूद ग़ज़नवी यमीनी वंश का तुर्क सरदार ग़ज़नी के शासक सुबुक्तगीन का पुत्र था। उसका जन्म ई. 971 में हुआ, 27 वर्ष की आयु में ई. 998 में वह शासनाध्यक्ष बना था। महमूद बचपन से भारतवर्ष की अपार समृद्धि और धन-दौलत के विषय में सुनता रहा था। महमूद भारत की दौलत को लूटकर मालामाल होने के स्वप्न देखा करता था। उसने 17 बार भारत पर आक्रमण किया और यहां की अपार सम्पत्ति को वह लूट कर ग़ज़नी ले गया था। आक्रमणों का यह सिलसिला 1001 ई. से आरंभ हुआ। महमूद इतना विध्वंसकारी शासक था कि लोग उसे मूर्तिभंजक कहने लगे थे।
महमूद गजनवी ने 17 बार भारत पर आक्रमण किये थे, जिनमें से कुछ का विवरण निम्न लिखित है।
- 1001 ई.में हिन्दूशाही राजवंशके शासक जयपाल के विरूद्ध गजनवी ने आक्रमण किया था जिसमें जयपाल पराजित होकर आत्महत्या कर लेता है।
- 1008 में आनंदपाल को पराजित किया।
- 1021 में उद्भांडपुर को जीत लिया था।
- 1013 में त्रिलोचनपाल को हराया।
- 1005 में भटिंडा (पंजाब) के शासक विजयराम को हराया।
- 1006 में मुल्तान को जीता और इसे अपने साम्राज्य में मिलाया।
- 1009 में नारायणपुर (अलवर) – व्यापारिक नगर पर आक्रमण किया।
- 1014 में थानेश्वर (हरियाणा) पर आक्रमण कर चक्रस्वामी मंदिर को नष्ट किया।
- 1018 -19 में मथुरा एवं कन्नौज पर आक्रमण किया।
- कन्नौज पर प्रतिहार शासक राज्यपाल का शासन था। महमूद के आक्रमण के समय राज्यपाल भाग गया। सामंत विधाधर (चंदेल शासक ) ने राज्यपाल की हत्या कर दी थी।
- महमूद ने कालिंजर पर 1021 में आक्रमण किया था। इस समय कालिंजर का शासक विधाधर था, जो कालिंजर से भाग गया था।
- 1023 में पुनः कालिंजर पर आक्रमण किया तथा विधाधर से संधि कर ली थी।
- 1025 में सोमनाथ पर महमूद गजनवी ने आक्रमण किया तथा यहाँ के लकङी के बने मंदिर को जला दिया । इसी मंदिर को बाद में गुजरात के शासक भीमI ने पत्थरों व ईंटों से बनाया था।
- 1027 में जाटों ने गजनवी पर आक्रमण किया यह आक्रमण गजनवी का भारत पर अंतिम आक्रमण था जो जाटों के विरुद्ध था।
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